मैं इस दिल का क्या करूँ इसकी
हर धड़कन में तुम्हारा नाम रहता है
आलम अब इस कदर बेकाबू है कि
हर बहती सांस बस तेरा पैग़ाम रहता है
हर आहात पे मुड़ता हूँ देखता हूँ
कि तुम ही आई हो ?
कुछ जज़्बात! कुछ अरमान! ले के आयी हो
हर हवा के झोक़े में , बस
तुम्हारी खुशबु ढूंढ़ता हूँ मैं
बूँद होंठो से,जो फिसली थी
हर बारिश में ढूंढ़ता हूँ मैं
जाने मेरी दीवानगी का
क्या आखिरी अंजाम होगा
तुम तक पहुँच पाउँगा या
बस दूर ही से सलाम होगा
तुम्हें पाने कि हसरत नही है
तुम तो हमेशा पास में रहती हो
हर रग़ में बहती हो तुम
हर पल एहसास में रहती हो
मैं तो कब से अपना चुका तुमको मगर इस बात को अब तुमसे बताना है
तुम्हारी ख्वाहिशें अपनी, फैसला अपना
उसे बस तुमको सुनाना है
हर धड़कन में तुम्हारा नाम रहता है
आलम अब इस कदर बेकाबू है कि
हर बहती सांस बस तेरा पैग़ाम रहता है
हर आहात पे मुड़ता हूँ देखता हूँ
कि तुम ही आई हो ?
कुछ जज़्बात! कुछ अरमान! ले के आयी हो
हर हवा के झोक़े में , बस
तुम्हारी खुशबु ढूंढ़ता हूँ मैं
बूँद होंठो से,जो फिसली थी
हर बारिश में ढूंढ़ता हूँ मैं
जाने मेरी दीवानगी का
क्या आखिरी अंजाम होगा
तुम तक पहुँच पाउँगा या
बस दूर ही से सलाम होगा
तुम्हें पाने कि हसरत नही है
तुम तो हमेशा पास में रहती हो
हर रग़ में बहती हो तुम
हर पल एहसास में रहती हो
मैं तो कब से अपना चुका तुमको मगर इस बात को अब तुमसे बताना है
तुम्हारी ख्वाहिशें अपनी, फैसला अपना
उसे बस तुमको सुनाना है
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