बुधवार, 14 दिसंबर 2011

wo!!!!!!!!!!!! in b.tech 1st to 4th year (part 1 &2 )

वो !

in B.Tech 1st  year
वो एक लड़की है 
कैसी है नही मैं जानता
देखा है करीब से पर नही पहचानता
हाँ दो आखें हैं , एक साधारण सा चेहरा 
और शायद सीने में एक दिल होगा 
बाकि तो दिखता है, हाँ मग़र
दिलोदिमाग ? कैसा है कहना मुश्किल होगा 
मग़र वो एक लड़की है ! 
तो लोग उसके पास जाना चाहते हैं 
पर कुछ डरते हैं कुछ दूर ही अच्छा समझते हैं
हाँ! कुछ फिर भी पास जाते हैं 
बातें करते हैं हँसते हँसाते हैं 
हाँ! कभी -२ नाराज़ कर जाते हैं 
कुछ समय बाद,  सब फिर ठीक 
कभी-२ मामला सिरियस हो जाता है 
तो सबको समझाया जाता है,  कि
वो एक लड़की है 
खैर उसके बारे में जो मैं जानता था
 एक दिन एक बड़े से पन्ने पे लिखा था 
घंटो लिखने के बाद देखा 
दो चार लाइन तो ठीक, पर 
नीचे का पन्ना ब्लैंक था 
मैंने अपना माथा पीटा.... और कहा 
वो एक लड़की है 
मैं उसे जितना जानता हूँ 
जितना पहचानता हूँ 
वो सिर्फ इतना कि 
वो एक इंसान है 
दो चार को बर्बाद करने का प्लान है 
अब आप पूछेंगे कैसे या क्यूँ 
तो मैं ये कहूँगा कि
वो एक लड़की है  
सिर्फ इतना ही कहूँगा मैं कि 
वो एक लड़की है 

वो !
in B.Tech 2nd year

वो एक लड़की है 
कैसी है नही मैं जानता
मग़र मुझे उससे प्यार है 
 हाँ!  दो आखें हैं , 
उनमे  मुझे अपना आशियाँ नजर आया है 
और एक साधारण सा चेहरा 
मुझे उसके खास होने का एहसास हो आया है
बाकि तो दिखता है, हाँ मग़र
दिलोदिमाग ? कैसा है कहना मुश्किल होगा 
मग़र उससे दूर रहना और भी मुश्किल होगा
क्यूंकि वो एक लड़की है ! और मुझे पसंद है 
तो मैं उसके पास जाना चाहता हूँ 
कभी हिचकता हूँ कभी खुद को  मना करता हूँ  
हाँ! फिर भी पास जाता हूँ  
बातें करता हूँ, अपने दिल को बहलाता हूँ 
 हाँ मामला सिरियस हो गया है 
सच कहूँ तो शायद प्यार हो गया है 
एक बार फिर हमने दिल को समझाया 
और उसके बारे में जो मैं जानता था
 एक दिन एक बड़े से पन्ने पे लिखा और पाया 
मेरे हर खवाब को एक चेहरा मिल गया है 
शायद मुझे मेरा हमसफ़र मिल गया है  
फिर  मैंने अपने दिल से कहा 
वो एक लड़की है 
मैं उसे जितना जानता हूँ 
जितना पहचानता हूँ 
वो सिर्फ इतना कि 
वो एक इंसान है 
और अब मेरा अरमान है