रविवार, 9 जनवरी 2011

यूँ तो सबका नया साल है ,
                     पर अपना तो वही हाल है 
वही तमन्ना दिल में मेरे
                             वही तरंगें तन में हैं
वही आरजू अब भी मेरी                            
                            वही उमंगें मन में हैं
वही रास्ते अब भी मेरे
                      मेरी अब भी वही चाल है 
यूँ तो सबका नया साल है ,
                     पर अपना तो वही हाल है 
  वही दर्द है दिल में मेरे
                   वही सिसक है आहों में
वही तड़प है मुझमें अब भी
                    वही कसक है बाँहों में
मन में बसी है तू ही अब भी
             दिल को बस तेरा ख़याल है
यूँ तो सबका नया साल है ,
                     पर अपना तो वही हाल है
दिन में याद सताती तेरी
              तेरा ख़्वाब दिखाती रातें
पहले से ही सुलग रहा हूँ
                और जलाती बरसातें
ये तो सच है अब भी उतना
               की तू मेरे मरने जीने का सवाल है  
यूँ तो सबका नया साल है ,
                     पर अपना तो वही हाल है 

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